अनसूलजी पहेलियाँ…..✍️📚🍂

जिन्दगी कि कश्मकश मैं हम हर पहेलि मैं मगरुर रहते हैं, पर हमारी जिन्दगी मैं कुच्छ लम्हे ऐसे भी होते हैं, जिन्हे भुलाया नही जा सकता कुच्छ ऐसा ही पल हम महसूस कर रहे हैं,नयी जगह,नये दोस्त, जिन्दगी कि एक नयी कसौटी पर शुक्रिया आप सभी का मेरी जिन्दगी मैं ये खूबसूरत वक्त सामिल करने के लिए…..

Thanks Allot…KDMI Team

🍂..बे रंग सी उसकी दुनिया.. 🍂

वो लड़का न पागल था, वो लड़का न दिवाना था…..
माेहब्बत उसके दिल में थी,वाे दुनिया से बेगाना था……
एक ख्वाब सजाके ज़िन्दगी मे,उसी में यादें पिराेली थी उसने….
अलफ़ाज सजाके किताबो में,उसी में दिल लगी बसाली थी उसने…..
डरता था दुनिया कि रूसवाहियाें से, इसलिए खुद से ही वो बाते करता था..
वो लड़का न पागल था,वाे लड़का न दिवाना था…… ✍🏻
मिलती थी खुशीयाें कि जाेली,फिर भी मायुसियत में वो जीता था…..
साथ था अपना हर कोई उसके,फिर भी बे चैनी में वो रहता था……
अकेले खुद में जिने कि, अादत सी बन गयी थी उसकी…
सपनाे से बातें करना,फितरत सी
बन गयी थी उसकी…..
खुद की ही राेशन सी दुनिया काे, राे राे कर अन्धेरा करता था…..
सायद फिर भी मगर…⬇
वो लड़का न पागल था,वाे लड़का न दिवाना था……
खुद की ही गरदीशाें में उलझा था, वो दुनिया से बेगाना था…….
……….✍🏻
लेखक :- 🍂 सद्दाम हुसैन शाह 🍂